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कभी भूलू ना याद तुम्हारी रटू राधा रमण मेरे लिरिक्स

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  कभी भूलू ना, कभी भूलू ना…. कभी भूलू ना याद तुम्हारी रटू, तेरा नाम मैं साँझ सवेरे, राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे…. सिर मोर मुकुट कानन कुण्डल, दो चंचल नैन कटारे, मुख कमल से भवरे बने केश, लहराये काले काले, हो जाओ प्रकट मम हृदय मे, करो दिल के दूर अन्धेरे, राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे…. गल सोहे रही मोतिन माला, अधरो पर मुरली सजाए, करे घायल तिरछी चितवन से, मुस्कान से चैन चुराये, हो भक्तो के सरताज किन्तु, राधा रानी के चेरे, राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे…. अपने आँचल की छाया मे, करूणा मे मुझे छिपा लो, मैं जन्म जन्म से भटका हूँ, हैं नाथ मुझे अपना लो, प्राणेश रमण तुम संग मेरे, हैं जन्म जन्म के फेरे, राधा रमण मेरे, राधा रमण मेरे….

कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे लिरिक्स

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कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे, लताओं में बृज की गुजारा करेंगे । कहीं तो मिलेंगे वो बांके बिहारी, उन्ही के चरण चित लगाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. बना कर हृदय में हम प्रेम मंदिर, वहीँ उनको झूला झुलाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. उन्हें हम बिठाएंगे आँखों में दिल में, उन्ही से सदा लौ लगाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. जो रूठेंगे हमसे वो बांके बिहारी, चरण को पकड़ हम मनाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. उन्हें प्रेम डोर से हम बाँध लेंगे, तो फिर वो कहा भाग जाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. उन्होंने छुडाये थे गज के वो बंधन, वही मेरे संकट मिटाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. उन्होंने नचाया था ब्रह्माण्ड सारा, मगर अब उन्हें हम नचाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. भजेंगे जहा प्रेम से नन्द नंदन, कन्हैया छवि को दिखाया करेंगे, कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे…. कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे, लताओं में बृज की गुजारा करेंगे ।

गोवर्धन वासी सांवरे तुम बिन रह्यो न जाय लिरिक्स

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  गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे, तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी सांवरे…. बंक चिते मुसकाय के, सुंदर बदन दिखाय, लोचन तड़पे मीन ज्यों, जुग भर धरी बिहाय, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. सप्तक स्वर बंधान सौं, मोहन वेणु बजाय, सुरति सुहाई बांधिके, मधुर – मधुर गाय, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. रसिक रसीली बोली, गिरि चढ़ि गाय बुलाय, गाय बुलाई दूधरी, ऊंची टेर सुनाय, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. दृष्टि पड़ी जा दोष ते, तब ते रुचे न आए, रजनी नींद न आवरी, एहि बिसरे भोजन पान, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. दर्शन को नैना तपे, वचन सुनन को कान, मिलिबे को हियरा तपे, हिय की जीवन प्राण, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. मन अभिलाषा यह रहे, लगे न नैन निमेष, इक टक देखूं, नटवर नागर भेष, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. पूरन शशि मुख देख के, चित्त चोटयो वही ओर, रूप सुधा रसपान को, जैसे चन्द्र चकोर, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. लोक लाज विधि वेद के, छाँड़े सबई विवेक, कमल कली रवि ज्यों बढ़े, छिन – छिन प्रीति विशेष, गोवर्धन वा

माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही लिरिक्स

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  माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही, तेरी कृपा बनी रहे जब तक है ज़िन्दगी…. जिस पर प्रभु का हाथ था, वो पार हो गया, जो भी शरण में आ गया, उद्धार हो गया, जिसका भरोसा श्याम पे, डूबा कभी नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही…. कोई समझ सका नहीं, माया बड़ी अजीब, जिसने प्रभु को पा लिया, है वो ख़ुशनसीब, इनकी मर्जी के बिना, पत्ता हिले नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही…. ऐसे दयालू श्याम से, रिश्ता बनाइये, मिलता रहेगा आपको, जो कुछ भी चाहिए, ऐसा करिश्मा होगा जो, पहले हुआ नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही…. कहते हैं लोग जिंदगी, किस्मत की बात है, क़िस्मत बनाना भी मगर, इनके ही हाथ है, बनवारी कर यक़ीन अब, ज्यादा समय नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही….

इंसाफ का दर है तेरा यही सोच के आता हु लिरिक्स

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  इंसाफ का दर है तेरा यही सोच के आता हु, हर बार तेरे दर से खाली ही जाता हु….. आवाज लगाता हु क्यों जवाब नहीं मिलता, दानी हो सबसे बड़े मुझको तो नहीं लगता, शायद किस्मत में नहीं दिल को समझाता हु, इंसाफ का दर है तेरा….. जज्बात दिलो के प्रभु धीरे से सुनाता हु, देखे न कही कोई हालात छुपाता हु, सब हस्ते है मुझ पर मैं आंसू बहाता हु, इंसाफ का दर है तेरा….. दिनो को सताने का अंदाज़ पुराना है, देरी से आने का बस एक बहाना है, खाली जाने से प्रभु दिल में शर्माता हु, इंसाफ का दर है तेरा….. हैरान हु प्रभु तुमने दुखियो को लौटाया है, फिर किसके लिए तुमने दरबार लगाया है, वनवारी महिमा तेरी कुछ समझ न पाता हु, इंसाफ का दर है तेरा…..

खाटू के बाबा श्याम जी मेरी राखोगे लाज लिरिक्स

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  खाटू के बाबा श्याम जी, मेरी राखोगे लाज, मीरा के घनश्याम जी, मेरी राखोगे लाज…. टेर सुनो सांवलसाह मेरी, धीर बंधाओ करो ना देरी, दुख हर्ता थारो नाम जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी…. भीख दया की कब दोगे, मेरी सुध प्रभु कब लोगे, पुजू में थारा पाव जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी…. ‘काशी’ चरना को चेरो, जीवन सफल बना मेरो, था बिन कित आराम जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी…. एक भरोसो थारो हे, तू ही पत राखनवारो हे, छोटो सो मेरो काम जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी….

नाथ मैं थारो जी थारो लिरिक्स

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  नाथ मैं थारो जी थारो, चोखो, बुरो, कुटिल अरु कामी, जो कुछ हूँ सो थारो…. बिगड्यो हूँ तो थाँरो बिगड्यो, थे ही मनै सुधारो, सुधर्‌यो तो प्रभु थाँरो सुधर्‌यो, थाँ सूँ कदे न न्यारो, नाथ मैं थारो जी थारो…. बुरो, बुरो, मैं बहुत बुरो हूँ, आखर टाबर थाँरो, बुरो कुहाकर मैं रह जास्यूँ, नाम बिगड़सी थाँरो, नाथ मैं थारो जी थारो…. थाँरो हूँ, थाँरो ही बाजूँ, रहस्यूँ थाँरो, थाँरो, आँगलियाँ नुँहँ परै न होवै, या तो आप बिचारो, नाथ मैं थारो जी थारो…. मेरी बात जाय तो जाए, सोच नहीं कछु म्हारो, मेरे बड़ो सोच यों लाग्यो, बिरद लाजसी थाँरो, नाथ मैं थारो जी थारो…. जचे जिस तरह करो नाथ, अब, मारो चाहै थारो, जाँघ उघाड्याँ लाज मरोला, ऊँडी बात बिचारो, नाथ मैं थारो जी थारो….