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जनवरी, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गोवर्धन वासी सांवरे तुम बिन रह्यो न जाय लिरिक्स

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  गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे, तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी सांवरे…. बंक चिते मुसकाय के, सुंदर बदन दिखाय, लोचन तड़पे मीन ज्यों, जुग भर धरी बिहाय, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. सप्तक स्वर बंधान सौं, मोहन वेणु बजाय, सुरति सुहाई बांधिके, मधुर – मधुर गाय, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. रसिक रसीली बोली, गिरि चढ़ि गाय बुलाय, गाय बुलाई दूधरी, ऊंची टेर सुनाय, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. दृष्टि पड़ी जा दोष ते, तब ते रुचे न आए, रजनी नींद न आवरी, एहि बिसरे भोजन पान, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. दर्शन को नैना तपे, वचन सुनन को कान, मिलिबे को हियरा तपे, हिय की जीवन प्राण, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. मन अभिलाषा यह रहे, लगे न नैन निमेष, इक टक देखूं, नटवर नागर भेष, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. पूरन शशि मुख देख के, चित्त चोटयो वही ओर, रूप सुधा रसपान को, जैसे चन्द्र चकोर, गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी सांवरे…. लोक लाज विधि वेद के, छाँड़े सबई विवेक, कमल कली रवि ज्यों बढ़े, छिन – छिन प्रीति विशेष, गोवर्ध...

माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही लिरिक्स

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  माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही, तेरी कृपा बनी रहे जब तक है ज़िन्दगी…. जिस पर प्रभु का हाथ था, वो पार हो गया, जो भी शरण में आ गया, उद्धार हो गया, जिसका भरोसा श्याम पे, डूबा कभी नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही…. कोई समझ सका नहीं, माया बड़ी अजीब, जिसने प्रभु को पा लिया, है वो ख़ुशनसीब, इनकी मर्जी के बिना, पत्ता हिले नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही…. ऐसे दयालू श्याम से, रिश्ता बनाइये, मिलता रहेगा आपको, जो कुछ भी चाहिए, ऐसा करिश्मा होगा जो, पहले हुआ नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही…. कहते हैं लोग जिंदगी, किस्मत की बात है, क़िस्मत बनाना भी मगर, इनके ही हाथ है, बनवारी कर यक़ीन अब, ज्यादा समय नहीं, माँगा है मैंने श्याम से वरदान एक ही….

इंसाफ का दर है तेरा यही सोच के आता हु लिरिक्स

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  इंसाफ का दर है तेरा यही सोच के आता हु, हर बार तेरे दर से खाली ही जाता हु….. आवाज लगाता हु क्यों जवाब नहीं मिलता, दानी हो सबसे बड़े मुझको तो नहीं लगता, शायद किस्मत में नहीं दिल को समझाता हु, इंसाफ का दर है तेरा….. जज्बात दिलो के प्रभु धीरे से सुनाता हु, देखे न कही कोई हालात छुपाता हु, सब हस्ते है मुझ पर मैं आंसू बहाता हु, इंसाफ का दर है तेरा….. दिनो को सताने का अंदाज़ पुराना है, देरी से आने का बस एक बहाना है, खाली जाने से प्रभु दिल में शर्माता हु, इंसाफ का दर है तेरा….. हैरान हु प्रभु तुमने दुखियो को लौटाया है, फिर किसके लिए तुमने दरबार लगाया है, वनवारी महिमा तेरी कुछ समझ न पाता हु, इंसाफ का दर है तेरा…..

खाटू के बाबा श्याम जी मेरी राखोगे लाज लिरिक्स

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  खाटू के बाबा श्याम जी, मेरी राखोगे लाज, मीरा के घनश्याम जी, मेरी राखोगे लाज…. टेर सुनो सांवलसाह मेरी, धीर बंधाओ करो ना देरी, दुख हर्ता थारो नाम जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी…. भीख दया की कब दोगे, मेरी सुध प्रभु कब लोगे, पुजू में थारा पाव जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी…. ‘काशी’ चरना को चेरो, जीवन सफल बना मेरो, था बिन कित आराम जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी…. एक भरोसो थारो हे, तू ही पत राखनवारो हे, छोटो सो मेरो काम जी, मेरी राखोगे लाज, खाटू के बाबा श्याम जी….

नाथ मैं थारो जी थारो लिरिक्स

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  नाथ मैं थारो जी थारो, चोखो, बुरो, कुटिल अरु कामी, जो कुछ हूँ सो थारो…. बिगड्यो हूँ तो थाँरो बिगड्यो, थे ही मनै सुधारो, सुधर्‌यो तो प्रभु थाँरो सुधर्‌यो, थाँ सूँ कदे न न्यारो, नाथ मैं थारो जी थारो…. बुरो, बुरो, मैं बहुत बुरो हूँ, आखर टाबर थाँरो, बुरो कुहाकर मैं रह जास्यूँ, नाम बिगड़सी थाँरो, नाथ मैं थारो जी थारो…. थाँरो हूँ, थाँरो ही बाजूँ, रहस्यूँ थाँरो, थाँरो, आँगलियाँ नुँहँ परै न होवै, या तो आप बिचारो, नाथ मैं थारो जी थारो…. मेरी बात जाय तो जाए, सोच नहीं कछु म्हारो, मेरे बड़ो सोच यों लाग्यो, बिरद लाजसी थाँरो, नाथ मैं थारो जी थारो…. जचे जिस तरह करो नाथ, अब, मारो चाहै थारो, जाँघ उघाड्याँ लाज मरोला, ऊँडी बात बिचारो, नाथ मैं थारो जी थारो….

इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना लिरिक्स

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इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना,
 मरते दम तक सेवा में लगाए रखना…. तू मेरा मैं तेरा बाबा तू राजी मैं राजी,
 तेरे नाम पे लिखदी मैंने इस जीवन की बाजी,
 लाज तुम्हारे हाथ है, बचाए रखना,
 मरते दम तक सेवा में लगाए रखना, इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना…..

 हाथ जोड़ कर करू प्राथना मुझको भूल ना जाना,
 तेरे दर पर लगा रहे बस मेरा आना जाना,
 दिन पे दिन ये सिलसिला, चलाए रखना,
 मरते दम तक सेवा में लगाए रखना, इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना….. तेरे प्रेमियों में मन लगता और कही ना लागे,
 फीका फीका ये जग सारा भजन भाव के आगे,
 भजनों की इस भूख को, जगाए रखना,
 मरते दम तक सेवा में लगाए रखना, इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना….. जनम जनम तक तेरा मेरा साथ कभी ना छूटे, टूट जाए साँसों की लड़िया तार कभी ना टूटे, गोदी में इस ‘बिन्नू’ को, बिठाए रखना, मरते दम तक सेवा में लगाए रखना, इतनी किरपा साँवरे बनाए रखना…..

राम को देख कर श्री जनक नंदिनी लिरिक्स

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  राम को देख कर श्री जनक नंदिनी, बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी, राम देखे सिया माँ सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी…. थे जनकपुर गये देखने के लिए, सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी, देखते ही नजर मिल गयी दोनों की, जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी…. बोली है एक सखी राम को देखकर, रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर, पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर, सब में शंका बनी की बनी रह गयी…. बोली दूजी सखी छोटन देखन में है, पर चमत्कार इनका नहीं जानती, एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी, उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी…. राम को देख कर श्री जनक नंदिनी, बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी, राम देखे सिया माँ सिया राम को, चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी….

जाके सिर पे हाथ म्हारे श्याम धनी को होवे है लिरिक्स

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जाके सिर पे हाथ म्हारे श्याम धनी को होवे है, बांको बाल न बांको होवे है… कलयुग में बाबा का, घर घर बजे डंका, बड़ो बलकारी है, जो भाव से ध्यावे, पल भर में है आवे, करे ना देरी है, जा का जैसा भाव, बाबो वैसो ही फल देवे है, बांको बाल न बांको होवे है, जाके सिर पे हाथ…. एक बार जावोगा, हर साल जावोगा, बाबा के मेले में, आनंद ही आनंद, अमृत की हो बर्षा, बाबा के मेले में, लेकर एको नाम, जो भी पैदल खाटू जावे है, वो बेठ्यो मौज उड़ावे है, जाके सिर पे हाथ…. दुनिया की मस्ती में, मत भूल बाबा ने, यु ही तेरे काम को, जइया मनावोगा, यो मान जावेगो, भूखो है थारे भाव को, श्याम को आशीर्वाद, ‘शुभम रूपम’ जाके होवे है, वो तान के खुटी सोवे है, जाके सिर पे हाथ….